Tuesday, 13 March 2012

दोस्त बनकर घर में घुसे सीओ ने दिया दगा

कहते है-'पुलिस की दोस्ती अच्छी न दुश्मनी' सीओ अमरजीत शाही ने इसे सच कर दिखाया। 26 जनवरी का वो दिन याद करके कैप्टन और उसका परिवार बिलख उठता है जब शाही ने उनसे दोस्ती बढ़ाई और फिर घर में घुसकर दगा दे दिया। उनकी बेटी से न सिर्फ अंतरंग संबंध बनाए बल्कि उसे परिजनों के खिलाफ खड़ा कर दिया। दो साल से सीओ की गुंडई झेल रहा यह परिवार अब टूट गया है।

कैप्टन की होनहार बेटी ने डमी हवाई जहाज उड़ाना पापा से ही सीखा था। बेटी की इस काबलियत पर तालियां बटोरने के लिए ही कैप्टन ने दो साल पहले 26 जनवरी को पुलिस लाइन मैदान में उड़ान कराई थी। लड़की को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला। इस भीड़ में तत्कालीन सीओ कैंट अमरजीत शाही ने उसकी तारीफ के पुल बांधते हुए कैप्टन से दोस्ती बढ़ानी शुरू कर दी और फिर घर में इंट्री मारी। शाही जिसे बेटी कहते थे, उसी से दिल लगा बैठे। जब तक कैप्टन और उसका परिवार कुछ समझ पाता तब तक बहुत देर हो चुकी थी। प्रतापगढ़ में तैनाती के बावजूद शाही कैप्टन के घर आते रहे। कैप्टन और उनकी पत्‍‌नी के दफ्तर जाते ही शाही घर में दाखिल हो जाते थे।

अफसरों ने नहीं दिखाई गंभीरता खाकी को बदनाम करने वाले इस मामले को पुलिस के आला अफसरों ने भी गंभीरता से नहीं लिया। करीब दो महीना पहले लड़की के परिजनों ने आईजी और डीआईजी से शिकायत की थी। अफसरों ने कानूनी या विभागीय कार्रवाई से बचते हुए सिर्फ शाही से बात कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

बिलख पडे़ परिजन

मंगलवार को कैंट थाने में कैप्टन, उनकी पत्‍‌नी और मां डीआईजी के सामने बिलख पड़ीं। कैप्टन ने बताया कि शाही ने उनके परिवार को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। दोस्ती करके पीठ में खंजर घोंप दिया।

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