अन्ना के समर्थन की एक ऐसी सच्ची घटना, जो है बेहद शर्मनाक
इंदौर। समय : दोपहर 3.30 बजे। जगह : कृष्णपुरा छत्री। कुछ लोग आराम फरमा रहे थे तो कुछ मोबाइल पर बतिया रहे थे, कोई मैसेज में बात कर रहा था तो कुछ युवक एक बच्चे के साथ मस्ती कर रहे थे, वहीं कुछ लोग अखबार पढ़ रहे थे तो कोई टीवी देखने में मशगूल था, चार बुजुर्ग पुराने दिनों को याद करते हुए हंस रहे थे। वहीं दो महिलाएं व पुरुष अपने बहू-बेटे की बुराई करने में व्यस्त थे। चार युवकों का एक ग्रुप केंद्र सरकार की बुराई कर रहा था। नजारा था गुरुवार दोपहर कृष्णपुरा छत्री का। यहां अन्ना के समर्थन की एक ऐसी सच्ची घटना, जो है बेहद शर्मनाक हजारे के समर्थन में 30 से 35 लोग मौजूद थे।
आंदोलनकर्ता विजय आदीवाल ने कहा- आप कौन सी प्रेस से आए हो। आपने जो फोटो खींचा है वो हमें दोगे क्या? यार हमारा फोटो पेपर में आएगा तो हम भी छा जाएंगे। वहीं पास बैठे जयप्रकाश गुगटी कहने लगे- यार हमारा भी फोटो पेपर में छाप दो ना, हम भी कल हीरो बन जाएंगे। एक व्यक्ति अखबार की कटिंग दिखाकर कहने लगा, अरे आज तो पहली बार मेरा नाम पेपर में आया। मैंने परिवार सहित रिश्तेदारों को भी बताया। अब तो मैं दिनभर यहीं बैठुंगा। कम से कम इसी से मेरा नाम तो हो जाएगा। इस बीच श्री गुगटी ने कहा- सब कह रहे हैं ये अनशन फ्लॉप हो गया। लेकिन कोई बात नहीं, पिछली बार जैसा माहौल बनने में 10 दिन और लगेंगे।
अचानक माइक पर एक व्यक्ति अनाउंसमेंट करता है न हम थकेंगे न झुकेंगे, हम डटे रहेंगे। कुछ लड़के तिरंगा लिए बैठकर कॉलेज की बात करते हुए हंस रहे थे। कुछ लोग लैपटॉप में फेसबुक पर चेटिंग कर रहे थे। इसी बीच एक चैनल का कैमरामैन आता है तो सब उठकर बैठ जाते हैं। बाल व कपड़े ठीक करने लगते हैं। कुछ छत्री के बाहर पोस्टर के पास खड़े होकर नारे लगाने लगते हैं। इसी दौरान कैमरामैन का फोन आता है। सभी आपस में बात करते हैं, कल तो शहर में छा जाएंगे। फिर से कैमरामैन आता है तो युवक नारेबाजी करने लगते हैं। कैमरामैन के जाते ही सभी अपने काम में लग जाते हैं। छह लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
आंदोलनकर्ता विजय आदीवाल ने कहा- आप कौन सी प्रेस से आए हो। आपने जो फोटो खींचा है वो हमें दोगे क्या? यार हमारा फोटो पेपर में आएगा तो हम भी छा जाएंगे। वहीं पास बैठे जयप्रकाश गुगटी कहने लगे- यार हमारा भी फोटो पेपर में छाप दो ना, हम भी कल हीरो बन जाएंगे। एक व्यक्ति अखबार की कटिंग दिखाकर कहने लगा, अरे आज तो पहली बार मेरा नाम पेपर में आया। मैंने परिवार सहित रिश्तेदारों को भी बताया। अब तो मैं दिनभर यहीं बैठुंगा। कम से कम इसी से मेरा नाम तो हो जाएगा। इस बीच श्री गुगटी ने कहा- सब कह रहे हैं ये अनशन फ्लॉप हो गया। लेकिन कोई बात नहीं, पिछली बार जैसा माहौल बनने में 10 दिन और लगेंगे।
अचानक माइक पर एक व्यक्ति अनाउंसमेंट करता है न हम थकेंगे न झुकेंगे, हम डटे रहेंगे। कुछ लड़के तिरंगा लिए बैठकर कॉलेज की बात करते हुए हंस रहे थे। कुछ लोग लैपटॉप में फेसबुक पर चेटिंग कर रहे थे। इसी बीच एक चैनल का कैमरामैन आता है तो सब उठकर बैठ जाते हैं। बाल व कपड़े ठीक करने लगते हैं। कुछ छत्री के बाहर पोस्टर के पास खड़े होकर नारे लगाने लगते हैं। इसी दौरान कैमरामैन का फोन आता है। सभी आपस में बात करते हैं, कल तो शहर में छा जाएंगे। फिर से कैमरामैन आता है तो युवक नारेबाजी करने लगते हैं। कैमरामैन के जाते ही सभी अपने काम में लग जाते हैं। छह लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
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