महाशतक के बाद रिटायरमेंट पर जारी बह
मास्टर ब्लास्टर ने सौंवे शतक के मौके पर आज यहां एक कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'मुझे किसी के सामने कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है। अभी मैं अपने रिटायरमेंट के बारे में नहीं सोच रहा। इसके लिए सही समय पर मैं खुद ही फैसला करूंगा।'
अगला वर्ल्ड कप खेलने की संभावना से जुड़े एक सवाल पर सचिन ने कहा, ‘2007 में भी मुझसे ऐसा सवाल पूछा गया था। उस समय मैं कुछ जवाब नहीं दे पाया था। आज भी इसका जवाब मेरे पास नहीं है। सचिन ने कहा कि मैंने कोई लक्ष्य तय नहीं किया है। मैं बस मेरा खेल जारी रखूंगा। मैं लोगों की दुआओं के लिए उनका आभारी हूं।’ उन्होंने कहा, 'जब 1994 में मैंने पहला शतक लगाया, उस वक्त प्रेस कांफ्रेंस में आज की तुलना में काफी कम लोग थे। आज लोगों की मुझसे ज्यादा उम्मीदें हैं।'
सौंवे शतक के बारे में तेंडुलकर ने कहा, 'मैं केवल रिकॉर्ड के लिए नहीं खेलता। मुझे इस मुकाम पर पहुंचने में 23 साल लगे हैं। मैं चाहता हूं कि मेरे इस रिकार्ड को कोई भारतीय क्रिकेटर ही तोड़े। मैं इस खेल को पागलों की तरह प्यार करता हूं। मेरे दो सपने पूरे हो गए। पहला वर्ल्ड कप जीतना और दूसरा महाशतक लगाना। मैं अभी खेल का मजा ले रहा हूं। टीम को जिताना मेरा लक्ष्य होता है। टेस्ट खेलना मेरे लिए अहम है। इसमें एक चुनौती होती है।'
अगला वर्ल्ड कप खेलने की संभावना से जुड़े एक सवाल पर सचिन ने कहा, ‘2007 में भी मुझसे ऐसा सवाल पूछा गया था। उस समय मैं कुछ जवाब नहीं दे पाया था। आज भी इसका जवाब मेरे पास नहीं है। सचिन ने कहा कि मैंने कोई लक्ष्य तय नहीं किया है। मैं बस मेरा खेल जारी रखूंगा। मैं लोगों की दुआओं के लिए उनका आभारी हूं।’ उन्होंने कहा, 'जब 1994 में मैंने पहला शतक लगाया, उस वक्त प्रेस कांफ्रेंस में आज की तुलना में काफी कम लोग थे। आज लोगों की मुझसे ज्यादा उम्मीदें हैं।'
सौंवे शतक के बारे में तेंडुलकर ने कहा, 'मैं केवल रिकॉर्ड के लिए नहीं खेलता। मुझे इस मुकाम पर पहुंचने में 23 साल लगे हैं। मैं चाहता हूं कि मेरे इस रिकार्ड को कोई भारतीय क्रिकेटर ही तोड़े। मैं इस खेल को पागलों की तरह प्यार करता हूं। मेरे दो सपने पूरे हो गए। पहला वर्ल्ड कप जीतना और दूसरा महाशतक लगाना। मैं अभी खेल का मजा ले रहा हूं। टीम को जिताना मेरा लक्ष्य होता है। टेस्ट खेलना मेरे लिए अहम है। इसमें एक चुनौती होती है।'
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